अकाल और यूसुफ का प्रबन्ध के बारे में कुछ जानकारी। Hindi Bible Vachan |Pavitra Bible Hindi | आज का पवित्र बाइबल वचन

10 और याकूब फिरौन को आशीर्वाद देकर उसके सम्मुख से चला गया। 11 तब यूसुफ ने अपने पिता और भाइयों को बसा दिया, और फ़िसैन की आज्ञा के अनुसार मिस्र देश के अच्छे से अच्छे भाग में, अर्थात् रामसेस नामक प्रदेश में, भूमि देकर उनको सौंप दिया। 12 और यूसुफ अपने पिता का, और अपने भाइयों का, और पिता के सारे घराने का, एक एक के बालवच्चों की गिनती के अनुसार, भोजन दिला दिलाकर उनका पालन-पोषण करने लगा।

अकाल और यूसुफ का प्रबन्ध

आज का पवित्र बाइबल वचन, यीशु मसीह के पवित्र वचन
अकाल और यूसुफ का प्रबन्ध

13 उस सारे देश में खाने को कुछ न रहा: क्योंकि अकाल बहुत भारी था, और अकाल के कारण मिल और कनान दोनों देश त्रस्त हो गए। 14 और जितना रुपया मिस्र और कनान देश में था, सबको यूसुफ ने उस अन्न के बदले, जो उनके निवासी मोल लेते थे, इकट्ठा करके फिरौन के भवन में पहुँचा दिया। 15 जब मिस्र और कनान देश का रुपया समाप्त हो गया, तब सब मिली यूसुफ के पास आ आकर कहने लगे, हम को भोजनवस्तु दे; क्या हम रुपये के न रहने से तेरे रहते हुए मर जाएँ 27 76 यूसुफ ने कहा, "यदि रुपये न हों तो अपने पशु दे दो, और मैं उनके बदले तुम्हें खाने को दूँगा।" 17 तब वे अपने पशु यूसुफ के पास ले आए; और यूसुफ उनको घोड़ों, भेड़ बकरियों, गाय- बैलों और गदहों के बदले खाने को देने लगा। उस वर्ष में वह सब जाति के पशुओं के बदले भोजन देकर उनका पालन पोषण करता रहा। 18 वह वर्ष तो यों कट गया, तब अगले वर्ष में उन्होंने उसके पास आकर कहा, "हम अपने प्रभु से यह बात छिपा न रखेंगे कि हमारा रुपया समाप्त हो गया है, और हमारे सब प्रकार के पशु हमारे प्रभु के पास आ चुके हैं; इसलिये अब हमारे प्रभु के सामने हमारे शरीर और भूमि छोड़कर और कुछ नहीं रहा। 19 हम तेरे देखते क्यों मरें, और हमारी भूमि क्यों उजड़ जाए? हमको और हमारी भूमि को भोजन वस्तु के बदले मोल ले, कि हम अपनी भूमि समेत फिरौन के दास हॉ : और हमको बीज दे कि हम मरने न पाएँ, वरन जीवित रहें, और भूमि न उजड़े।"

20 तब यूसुफ ने मिस्र की सारी भूमि को फिरौन के लिये मोल लिया; क्योंकि उस भयंकर अकाल के पड़ने से मिस्रियों को अपना अपना खेत बेच डालना पड़ा। इस प्रकार सारी भूमि फिरौन की हो गई, 21 और एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक सारे मित्र देश में जो प्रजा रहती थी, उसको उसने नगरों में लाकर बसा दिया। 22 पर याजकों की भूमि उसने न मोल ली क्योंकि याजकों के लिये फिरौन की ओर से नित्य भोजन का बन्दोवस्त था, और नित्य जो भोजन फिरौन उनको देता था वही वे खाते थे, इस कारण उनको अपनी भूमि बेचनी न पड़ी। 23 तब यूसुफ ने प्रजा के लोगों से कहा, "सुनो, मैं ने आज के दिन तुम को और तुम्हारी भूमि को भी फिरौन के लिये मोल लिया है; देखो, तुम्हारे लिये यहाँ बीज है, इसे भूमि में बोओ। 24 और जो कुछ उपने उसका पंचमांश फिरौन को देना, बाकी चार अंश तुम्हारे रहेंगे कि तुम उसे अपने खेतों में बोओ, और अपने अपने बालबच्चों और घर के अन्य लोगों समेत खाया करो। 25 उन्होंने कहा, "तू ने हमको बचा लिया है; हमारे प्रभु के अनुग्रह की दृष्टि हम पर बनी रहे, और हम फ़िरीन के दास होकर रहेंगे।" 26 इस प्रकार यूसुफ ने मिस्र की भूमि के विषय में ऐसा नियम ठहराया, जो आज के दिन तक चला आता है कि पंचमांश फिरौन को मिला करे: केवल याजकों ही की भूमि फिरौन की नहीं हुई।

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