एसाव द्वारा पहिलौठे का अधिकार बेचना | इसहाक का गरार में निवास

 23 तब यहोवा ने उससे कहा, तेरे गर्भ में दो जातियाँ हैं, और तेरी कोख से निकलते ही दो राज्य के लोग अलग अलग होंगे, और एक राज्य के लोग दूसरे से अधिक सामर्थी होंगे, और बड़ा बेटा छोटे के अधीन होगा। ।

24 जब उसके प्रसव का समय आया, तब क्या प्रगट हुआ कि उसके गर्भ में जुड़वे बालक हैं। 25 पहला जो उत्पन्न हुआ वह लाल निकला, और उसका सारा शरीर कम्बल के समान सेममय था, इसलिये उसका नाम एसाव' रखा गया। 26 पीछे उसका भाई अपने हाथ से एसाव की एड़ी पकड़े हुए उत्पन्न हुआ; और उसका नाम याकूब रखा गया। जब स्विका ने उनको जन्म दिया तब इसहाक साठ वर्ष का था। 

एसाव द्वारा पहिलौठे का अधिकार बेचना


27 फिर वे लड़के बढ़ने लगे, और एसाव तो वनवासी होकर चतुर शिकार खेलनेवाला हो गया, पर याकूब सीधा मनुष्य था और तम्बुओं में रहा करता था। 28 इसहाक एसाव के अहेर का मांस खाया करता था, इसलिये वह उससे प्रीति रखता था; पर रिवका याकूब से प्रीति रखती थी।

29 एक दिन याकूब भोजन के लिये कुछ दाल पका रहा था, और एसाव जंगल से थका हुआ आया। 30 तब एसाव ने याकूब से कहा, "वह जो लाल वस्तु है, उसी लाल वस्तु में से मुझे कुछ खिला, क्योंकि मैं थका हूँ।"" इसी कारण उसका नाम एदोम' भी पड़ा। 31. याकुब ने कहा, "अपना पहिलौठे का अधिकार आज मेरे हाथ बेच दे ।'' 32 एसाव ने कहा, "देख, मैं तो अभी मरने पर हूँ : इसलिये पहिलीठे के अधिकार से मेरा क्या लाभ होगा ?” 33 याकूब ने कहा, “मुझ से अभी शपथ खा, अतः उसने उससे शपथ खाई, और अपना पहिलौठे का अधिकार याकूब के हाथ बेच डाला। " 34 इस पर याकूब ने एसाव को रोटी और पकाई हुई मसूर की दाल दी और उसने खाया पिया, और उठकर चला गया। यो एसाव ने अपना पहिलोटे का अधिकार तुच्छ जाना।

इसहाक का गरार में निवास

26 उस देश में अकाल पड़ा, यह उस पहले अकाल से अलग था जो अब्राहम के दिनों में पड़ा था। इसलिये इसहाक गरार को पलिश्तियों के राजा अबीमेलेक के पास गया। 2 वहाँ यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, “मिस्र में मत जा; जो देश मैं तुझे बताऊँ उसी में रह । 3 तू इसी देश में रह, और मैं तेरे संग रहँगा, और तुझे आशीष दूंगा; और ये सब देश मैं तुझ को और तेरे वंश को दूँगा; और जो शपथ मैं ने तेरे पिता अब्राहम से खाई थी, उसे मैं पूरी करूँगा। 4 मैं तेरे वंश को आकाश के तारामण के समान करूँगा, और मैं तेरे वंश को ये सब देश दूँगा, ● और पृथ्वी की सारी जातियाँ तेरे वंश के कारण अपने को धन्य मानेंगी। * 5 क्योंकि अब्राहम ने मेरी मानी, और जो मैं ने उसे सौंपा था उसको और मेरी आज्ञाओं, विधियों और व्यवस्था का पालन किया।"

6 इसलिये इसहाक गरार में रह गया। 7 जब उस स्थान के लोगों ने उसकी पत्नी के विषय में पूछा, तब उसने यह सोचकर कि यदि मैं उसको अपनी पत्नी कहूँ तो यहाँ के लोग रिबका के कारण जो परम सुन्दरी है मुझ को मार डालेंगे, उत्तर दिया, "वह तो मेरी बहिन है। * 8 जब उसको वहाँ रहते बहुत दिन बीत गए, तब एक दिन पलिश्तियों के राजा अबीमेलेक ने खिड़की में से झाँक के क्या देखा कि इसहाक अपनी पत्नी स्विका के साथ क्रीड़ा कर रहा है। 9 तब अबीमेलेक ने इसहाक को बुलवाकर कहा, "वह तो निश्चय तेरी पत्नी है; फिर तू ने क्यों उसको अपनी बहिन कहा ?"" इसहाक ने उत्तर दिया, मैं ने सोचा था कि ऐसा न हो कि उसके कारण मेरी मृत्यु हो।" 10 अबीमेलेक ने कहा, “तू ने हम से यह क्या किया ? ऐसे तो प्रजा में से कोई तेरी पत्नी के साथ सहज से कुकर्म कर सकता. और तू हम को पाप में फँसाता।" 


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