15 तब मेरो जो वाचा तुम्हारे और सब जीवित शरीरधारी प्राणियों के साथ बन्धी है; उसको मैं स्मरण करूंगा, तब ऐसा जल प्रलय फिर न होगा जिससे सब प्राणियों का विनाश हो।
16 बादल में जो धनुष होगा मैं उसे देख के यह सदा की वाचा स्मरण करूंगा, जो परमेश्वर के और पृथ्वी पर के सब जीवित शरीरधारी प्राणियों के बीच बन्धी है।" 17 फिर परमेश्वर ने नूह से कहा, "जो वाचा मैं ने पृथ्वी भर के सब प्राणियों के साथ बाँधी है, उसका चिह्न यही है।"
नूह और उसके पुत्र
18 नूह के पुत्र जो जहाज में से निकले, वे शेम, हाम और येपेत थे; और हाम कनान का पिता हुआ । 19 नूह के तीन पुत्र ये ही हैं, और इनका वंश सारी पृथ्वी पर फैल गया । 20 नूह किसानी करने लगा। उसने दाख की
बारी लगाई; 21 और वह दाखमधु पीकर मतवाला हुआ, और अपने तम्बू के भीतर नंगा हो गया। 22 तब कनान के पिता हाम ने अपने पिता को नंगा देखा, और बाहर आकर अपने दोनों भाइयों को बतला दिया।
23 तब शेम और येपेत दोनों ने कपड़ा लेकर अपने कन्धों पर रखा, और पीछे की ओर उलटा चलकर अपने पिता के नंगे तन को ढाँप दिया, और वे अपना मुख पीछे किए हुए थे इसलिये उन्होंने अपने पिता को नंगा न देखा। 24 जब नूह का नशा उतर गया, तब उसने जान लिया कि उसके छोटे पुत्र ने उसके साथ क्या किया है।
25 इसलिये उसने कहा, "कनान शापित हो : वह अपने भाई बन्धुओं के दासों का दास हो। 26 फिर उसने कहा,
"शेम का परमेश्वर यहोवा धन्य है, और कनान शेम * का दास हो।'' 27 परमेश्वर येपेत के वंश को फैलाए और वह शेम के तम्बुओं में बसे, और कनान उसका दास हो।" 28 जल प्रलय के पश्चात् नूह साढ़े तीन सौ वर्ष जीवित रहा। 29 इस प्रकार नूह की कुल आयु साढ़े नौ सौ वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।
नूह की वंशावली
10 नूह के पुत्र शेम, हाम, और येपेत थे; उनके पुत्र जल प्रलय के पश्चात् उत्पन्न हुए : उनकी वंशावली यह है। 2 येपेत के पुत्र : गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक, और तीरास हुए। 3 गोमेर के पुत्र : अशकनज, रीपत, और तोगर्मा हुए।
4 और यावान के वंश में एलीशा, और तर्शीश, और कित्ती, और दोदानी लोग हुए। 5 इनके वंश अन्यजातियों के द्वीपों के देशों में ऐसे बँट गए कि वे भिन्न भिन्न भाषाओं, कुलों और जातियों के अनुसार अलग अलग हो गए।
6 हाम के पुत्र : कूश, मिस्र, फूत और कनान हुए। 7 और कूश के पुत्र सबा, हवीला, सबता, रामा, और सबूतका हुए। और रामा के पुत्र शबा, और ददान हुए। 8 कूश के वंश में निम्रोद भी हुआ; पृथ्वी पर पहला वीर वही हुआ है।
9 वह यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला ठहरा, इस से यह कहावत चली है; "निम्रोद के समान यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला ।" 10 उसके राज्य का आरम्भ शिनार देश में बेबीलोन, एरेख, अक्कद और कलने से हुआ। 11 उस देश से वह निकलकर अश्शूर को गया, और नीनवे, रहोबोतीर और कालह को,
12 और नीनवे और कालह के बीच जो रेसेन है, उसे भी बसाया, बड़ा नगर यही है। 13 मित्र के वंश में लूदी, अनामी, लहाबी, नतूही, 14 और पत्रूसी, कसलूही और कप्तोरी लोग हुए, कसलूहियों में से तो पलिश्ती लोग निकले।
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