मनुष्य जाति की दुष्टता | holy bible in hindi| jesus loves

5 इस प्रकार आदम की कुल आयु नौ सौ तीस वर्ष को हुई। तत्पश्चात् वह मर गया। 6 जब शेत एक सौ पाँच वर्ष का हुआ, तब उससे एनोश का जन्म हुआ। 7 एनोश के जन्म के पश्चात् शेत आठ सौ सात वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुई। 

8 इस प्रकार शेत की कुल आयु नौ सौ बारह वर्ष की हुई तत्पश्चात् वह मर गया। 9 जब एनोश नब्बे वर्ष का हुआ, तब उससे केनान का जन्म हुआ। 10 केनान के जन्म के पश्चात् एनोश आठ सौ पन्द्रह वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुई। 17 इस प्रकार एनोश की कुल आयु नौ सौ पाँच वर्ष की हुई : तत्पश्चात् वह मर गया।  

12 जब केनान सत्तर वर्ष का हुआ, तब उससे महललेल का जन्म हुआ। 13 महललेल के जन्म के पश्चात् केनान आठ सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुई। 14 इस प्रकार केनान की कुल आयु नौ सौ दस वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।

15 जब महललेल पैंसठ वर्ष का हुआ, तब उससे येरेद का जन्म हुआ। 16 येरेद के जन्म के पश्चात् महललेल आठ सौ तीस वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 17 इस प्रकार महललेल की कुल आयु आठ सौ पंचानवे वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।  

18 जब येरेद एक सौ बासठ वर्ष का हुआ, तब उससे हनोक का जन्म हुआ। 19 हनोक के जन्म के पश्चात् येरेद आठ सौ वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 20 इस प्रकार येरेद की कुल आयु नौ सौ बासठ वर्ष की हुई, तत्पश्चात् वह मर गया। 

21 जब हनोक पैंसठ वर्ष का हुआ, तब उससे मतूशेलह का जन्म हुआ। 22 मतृशेलह के जन्म के पश्चात् हनोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्वर के साथ साथ चलता रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुई। 23 इस प्रकार हनोक की कुल आयु तीन सौ पैंसठ वर्ष की हुई। 24 हनोक परमेश्वर के साथ साथ चलता था; फिर वह लोप हो गया क्योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया।"

25 जब मतृशेलह एक सौ सत्तासी वर्ष का हुआ, तब उससे लेमेक का जन्म हुआ। 26 लेमेक के जन्म के पश्चात् मतूशेलह सात सौ क्यासी वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं।  

27 इस प्रकार मतृशेलह की कुल आयु नौ सौ उनहत्तर वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया। 28 जब लेमेक एक सौ बयासी वर्ष का हुआ, तब उससे एक पुत्र का जन्म हुआ। 

29 उसने यह कहकर उसका नाम नूह रखा, “यहोवा ने जो पृथ्वी को शाप दिया है, उसके विषय यह लड़का हमारे काम में, और उस कठिन परिश्रम में जो हम करते हैं, " हम को शान्ति देगा।" 30 नूह के जन्म के पश्चात् लेमेक पाँच सौ पंचानबे वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुई। 

31 इस प्रकार लेमेक की कुल आयु सात सौ सतहत्तर वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया। 32 और नूह पाँच सौ वर्ष का हुआ; और नूह से शेम, और हाम, और येपेत का जन्म हुआ।

मनुष्य जाति की दुष्टता

मनुष्य जाति की दुष्टता | holy bible in hindi| jesus loves

6 फिर जब मनुष्य भूमि के ऊपर बहुत बढ़ने लगे, और उनके बेटियाँ उत्पन्न हुईं, 2 तब परमेश्वर के पुत्रों ने मनुष्य की पुत्रियों को देखा, कि वे सुन्दर हैं, और उन्होंने जिस जिसको चाहा उनसे विवाह कर लिया। 

3 तब यहोवा ने कहा, "मेरा आत्मा मनुष्य से सदा लों विवाद करता न रहेगा, क्योंकि मनुष्य भी शरीर ही है; उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी। 4 उन दिनों में पृथ्वी पर दानव रहते थे, और इसके पश्चात् जब परमेश्वर के पुत्र मनुष्य की पुत्रियों के पास गए तब उनके द्वारा जो पुत्र उत्पन्न हुए वे शूरवीर होते थे, जिनकी कीर्ति प्राचीनकाल से प्रचलित है।  

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