अपने भाई का रखवाला हूँ ?" 10 उसने कहा, "तू ने क्या किया है? तेरे भाई का लहू भूमि से मेरी और चिल्लाकर मेरी दोहाई दे रहा है!" 11 इसलिये अब भूमि जिसने तेरे भाई का लहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुँह खोला है, उसकी ओर से तू शापित है।
12 चाहे तू भूमि पर खेती करे, तौभी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी और तू पृथ्वी पर भटकनेवाला और भगोड़ा होगा।" 13 तब कैन ने यहोवा से कहा, *"मेरा दण्ड सहने से * बाहर है। 14 देख, तू ने आज के दिन मुझे भूमि पर से निकाला है, और मैं तेरी दृष्टि की आड़ में रहूँगा, और पृथ्वी पर भटकनेवाला और भगोड़ा रहूँगा; और जो कोई मुझे पाएगा, मुझे घात करेगा।"
15 इस कारण यहोवा ने उस से कहा, "जो कोई कैन को घात करेगा उस से सात गुणा बदला लिया जाएगा।" और यहोवा ने कैन के लिये एक चिह्न ठहराया ऐसा न हो कि कोई उसे पाकर मार डाले।
कैन के वंशज
16 तब कैन यहोवा के सम्मुख से निकल गया, और नोद* नामक देश में जो अदन के पूर्व की ओर है, रहने लगा। 17 जब कैन अपनी पत्नी के पास गया तब वह गर्भवती हुई, और उसने हनोक को जन्म दिया; फिर कैन ने एक नगर बसाया और उस नगर का नाम अपने पुत्र के नाम पर हनोक रखा।
18 हनोक से ईराद उत्पन्न हुआ, और ईराद से महूयाएल उत्पन्न हुआ, और महूयाएल से मतृशाएल, और मतृशाएल से लेमेक उत्पन्न हुआ। 19 लेमेक ने दो स्त्रियाँ व्याह लीं जिनमें से एक का नाम आदा, और दूसरी का सिल्ला था। 20 आदा ने याबाल को जन्म दिया। वह तम्बुओं में रहना और पशु पालन इन दोनों रीतियों का प्रवर्तक हुआ " 21 और उसके भाई का नाम यूवाल था : वह वीणा और बाँसुरी आदि बाजों के बजाने की सारी रीति का प्रवर्तक हुआ है।
22 और सिल्ला ने भी तूबल कैन नामक एक पुत्र को जन्म दिया : वह पीतल और लोहे के सब धारवाले हथियारों का गढ़नेवाला हुआ। तूवल कैन की बहिन नामा थी। 23 और लेमेक ने अपनी पत्नियों से कहा,
*"हे आदा और हे सिल्ला, मेरी सुनो; हे लेमेक की पलियो, मेरी बात पर कानल गाओ :
मैंने एक पुरुष को जो मुझे चोट लगाता था, अर्थात् एक जवान को जो मुझे घायल करता था, घात किया है।
24 जब कैन का बदला सातगुणा लिया जाएगा, तो लेमेक का सतहत्तरगुणा लिया जाएगा।*
शेत और एनोश
25 आदम अपनी पत्नी के पास फिर गया, और उसने एक पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम यह कह के शेत रखा: ''परमेश्वर ने मेरे लिये हाबिल के बदले जिसको कैन ने घात किया, एक और वंश ठहरा दिया है।" 26 शेत के भी एक पुत्र उत्पन्न हुआ, और उसने उसका नाम एनोश रखा; उसी समय से लोग यहोवा से प्रार्थना करने लगे।
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