राहेल की मृत्यु
16 फिर उन्होंने बेतेल से कूच किया, और एप्राता थोड़ी ही दूर रह गया था कि राहेल को बच्चा जनने की बड़ी पीड़ा उठने लगी। 17 जब उसको बड़ी बड़ी पीड़ा उठती थी तब धाय ने उससे कहा, "मत डर अब की भी तेरे बेटा ही होगा। 18 तब ऐसा हुआ कि वह मर गई, और प्राण निकलते निकलते उसने उस बेटे का नाम बेनोनी* रखा; पर उसके पिता ने उसका नाम बिन्यामीन' रखा। 19 यों राहेल मर गई, और एप्राता अर्थात् बैतलहम के मार्ग में, उसको मिट्टी दी गई। 20 याकूब ने उसकी कब्र पर एक खम्भा खड़ा किया : राहेल की कब्र का वह खम्भा आज तक बना है। 21 फिर इस्राएल ने कूच किया, और एदेर नामक गुम्मट के आगे बढ़कर अपना तम्बू खड़ा किया।
याकूब के पुत्र
22 जब इस्राएल उस देश में बसा था, तब एक दिन ऐसा हुआ कि रूबेन ने जाकर अपने पिता की रखेली बिल्हा के साथ कुकर्म किया; और यह बात इस्त्राएल को मालूम हो गई।* याकूब के बारह पुत्र हुए। 23 उन में से लिआ के पुत्र ये थे अर्थात् याकूब का जेठा रूबेन फिर शिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, और जबूलून 24 और राहेल के पुत्र ये थे; अर्थात् यूसुफ और विन्यामीन। 25 और राहेल की दासी बिल्हा के पुत्र ये थे अर्थात् दान और नताली। 26 और लिआ की दासी जिल्पा के पुत्र ये थे अर्थात् गाद, और आशेर। याकूब के ये ही पुत्र हुए, जो उससे पहनराम में उत्पन्न हुए।
इसहाक की मृत्यु
27 याकूब मम्रे में, जो करियतअर्वा अर्थात् हेब्रोन है, जहाँ अब्राहम और इसहाक परदेशी हो कर रहे थे, अपने पिता इसहाक के पास आया। 28 इसहाक की आयु एक सौ अस्सी वर्ष की हुई। 29 और इसहाक का प्राण छूट गया और वह मर गया, और वह बूढ़ा और पूरी आयु का होकर अपने लोगों में जा मिला और उसके पुत्र एसाव और याकूब ने उसको मिट्टी दी।
एसाव की वंशावली
36 एसाव जो एदोम भी कहलाता है, उसकी यह वंशावली है। 2 एसाव ने तो कनानी लड़कियाँ ब्याह ली; अर्थात् हित्ती एलोन की बेटी आदा को, और ओहोलीबामा को जो अना की बेटी और हिव्वी सिवोन की नातिन थी। * 3 फिर उसने इश्माएल की बेटी बासमत को भी, जो नबायोत की बहिन थी, ब्याह लिया। * 4 आदा ने एसाव के द्वारा एलीपज को, और बासमत ने रूएल को जन्म दिया। 5 और ओहोलीबामा ने यूश, और यालाम, और कोरह को उत्पन्न किया। एसाव के ये ही पुत्र कनान देश में उत्पन्न हुए।
6 तब एसाव अपनी पत्नियों और बेटे-बेटियों, और घर के सब प्राणियों, और अपनी भेड़- बकरी, और गाय बैल आदि सब पशुओं, निदान अपनी सारी सम्पत्ति को, जो उसने कनान देश में संचित की थी, लेकर अपने भाई याकूब के पास से दूसरे देश को चला गया। 7 क्योंकि उनकी सम्पत्ति इतनी हो गई थी कि वे इकट्ठे न रह सके और पशुओं की बहुतायत के कारण उस देश में, जहाँ वे परदेशी होकर रहते थे, वे समा न सके। 8 एसाव जो एदोम भी कहलाता है, सेईर नामक पहाड़ी देश में रहने लगा। 9 सेईर नामक पहाड़ी देश में रहनेवाले एदोमियों के मूल पुरुष एसाव की वंशावली यह है।
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