याकूब का लाबान के पास से भागना

 36 और उसने अपने और याकुब के बीच में तीन दिन के मार्ग का अन्तर ठहराया; और याकूब लाबान की भेड़ बकरियों को चराने लगा। 37 तब याकूब ने चिनार, और बादाम, और अर्मोन वृक्षों की हरी हरी छड़ियाँ लेकर, उनके छिलके कहीं कहीं छील के उन्हें धारीदार बना दिया, ऐसी कि उन छड़ियों की सफेदी दिखाई देने लगी। 38 तब छोली हुई छड़ियों को भेड़ बकरियों के सामने उनके पानी पीने के कठौतों में खड़ा किया; और जब वे पानी पीने के लिये आईं तब गाभिन हो गईं। 

39 छड़ियों के सामने गाभिन होकर, भेड़-बकरियाँ धारीवाले, चित्तीवाले और चितकबरे बच्चे जनीं 40 तब याकूब ने भेड़ों के बच्चों को अलग अलग किया, और लावान की भेड़-बकरियों के मुँह को चित्तीवाले और सब काले बच्चों की ओर कर दिया और अपने झुण्डों को उनसे अलग रखा, और लाबान की भेड़-बकरियों से मिलने न दिया। 41 और जब जब बलवन्त भेड़-बकरियाँ गाभिन होती थीं, तब तब याकूब उन छड़ियों को कठौतों में उनके सामने रख देता था; जिससे वे छड़ियों को देखती हुई गाभिन हो जाएँ। 

42 पर जब निर्बल भेड़-बकरियाँ गाभिन होती थीं, तब वह उन्हें उनके आगे नहीं रखता था। इससे निर्बल निर्बल लावान की रहीं, और बलवन्त बलवन्त याकूब की हो गई। 43 इस प्रकार वह पुरुष अत्यन्त धनाढ्य हो गया, और उसके बहुत सी भेड़- बकरियाँ, और दासियाँ और दास, और ऊँट और गदहे हो गए।

याकूब का लाबान के पास से भागना

याकूब का लाबान के पास से भागना

31 फिर लावान के पुत्रों की ये बातें याकूब ..के सुनने में आईं, "याकूब ने हमारे पिता का सब कुछ छीन लिया है, और हमारे पिता के धन के कारण उसकी यह प्रतिष्ठा है।" 2 और याकूब ने लावान के मुख पर दृष्टि की और ताड़ लिया कि वह उसके प्रति पहले के समान नहीं है। 3 तब यहोवा ने याकूब से कहा, *"अपने पितरों के देश और अपनी जन्मभूमि को लौट जा, और मैं तेरे संग रहूँगा।" 4 तब याकूब ने राहेल और लिआ को मैदान में अपनी भेड़- बकरियों के पास बुलवाकर कहा, 5"तुम्हारे पिता के मुख से मुझे जान पड़ता है कि वह मुझे पहले के समान अब नहीं देखता; पर मेरे पिता का परमेश्वर मेरे संग है। 6 तुम भी जानती हो कि मैं ने तुम्हारे पिता की सेवा शक्ति भर की है। 

7 फिर भी तुम्हारे पिता ने मुझ से छल करके मेरी मज़दूरी को दस बार बदल दिया; परन्तु परमेश्वर ने उसको मेरी हानि करने नहीं दिया। 8 जब उसने कहा, 'चित्तीवाले बच्चे तेरी मजदूरी ठहरेंगे,' तब सब भेड़-बकरियाँ चित्तीवाले ही जनने लगीं; और जब उसने कहा, 'धारीवाले बच्चे तेरी मजदूरी ठहरेंगे, तब सब भेड़-बकरियाँ धारीवाले जनने लगीं। 9 इस रीति से परमेश्वर ने तुम्हारे पिता के पशु लेकर मुझ को दे दिए। 10 भेड़-बकरियों के गाभिन होने के समय मैं ने स्वप्न में क्या देखा कि जो बकरे बकरियों पर चढ़ रहे हैं, वे धारीवाले, चित्तीवाले, और धब्बेवाले हैं। 

11 तब परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझ से कहा, 'हे याकूब,' मैं ने कहा, 'क्या आज्ञा 12 उसने कहा, 'आँखें उठाकर उन सब बकरों को जो बकरियों पर चढ़ रहे हैं देख, कि वे धारीवाले, चित्तीवाले, और धब्बेवाले हैं, क्योंकि जो कुछ लाबान तुझ से करता है, वह मैं ने देखा है। 13 मैं उस बेतेल का परमेश्वर हूँ, जहाँ तू ने एक खम्भे पर तेल डाल दिया था, और मेरी मन्नत मानी थी।" अब चल, इस देश से निकलकर अपनी जन्मभूमि को लौट जा

14 तब राहेल और लिआ ने उससे कहा, "क्या हमारे पिता के घर में अब भी हमारा कुछ भाग वा अंश बचा है ? 15 क्या हम उसकी दृष्टि में पराये न ठहरी ? देख उसने हम को तो बेच डाला, और हमारे रूपे को खा बेटा है। 16 इसलिये परमेश्वर ने हमारे पिता का जितना धन ले लिया है, वह हमारा और हमारे बच्चों का है; अब जो'।" कुछ परमेश्वर ने तुझ से कहा है, वहीं कर।"


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