बेतेल में याकूब को आशीष मिलना है 2023 | Bible Vachan Hindi

 26 हमार और उसके पुत्र शकेम को उन्होंने तलवार से मार डाला, और दीना को शकेम के घर से निकाल ले गए। 27 याकूब के पुत्रों ने घात कर डालने पर भी चढ़कर नगर को इसलिये लूट लिया कि उस में उनकी बहिन अशुद्ध की गई थी। 28 उन्होंने भेड़-बकरी, और गाय-बैल, और गदहे और नगर और मैदान में जितना धन था ले लिया।  

29 उस सब को, और उनके बाल-बच्चों, और स्त्रियों को भी हर ले गए, वरन् घर घर में जो कुछ था उसको भी उन्होंने लूट लिया। 30 तब याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा, "तुम ने जो इस देश के निवासी कनानियों और परिज्जियों के मन में मेरे प्रति घृणा उत्पन्न कराई है*, इस से तुम ने मुझे संकट में डाला है, क्योंकि मेरे साथ तो थोड़े ही लोग हैं, इसलिये अब वे इकट्ठे होकर मुझ पर चढ़ेंगे, और मुझे मार डालेंगे, तो मैं अपने घराने समेत नष्ट हो जाऊँगा।" 31 उन्होंने कहा, "क्या वह हमारी बहिन के साथ वेश्या के समान बर्ताव करे ?""

बेतेल में याकूब को आशीष मिलना

बेतेल में याकूब को आशीष मिलना

35 तब परमेश्वर ने याकूब से कहा, "यहाँ से निकल कर चेतेल को जा, और वहीं रह; और वहाँ परमेश्वर के लिये वेदी बना, जिसने तुझे उस समय दर्शन दिया जब तू अपने भाई एसाव के डर से भागा जाता था। 

2 तब याकूब ने अपने घराने से, और उन सबसे भी जो उसके संग थे कहा, "तुम्हारे बीच में जो पराए देखता हैं, उन्हें निकाल फेंको; और अपने अपने को शुद्ध करो, और अपने वस्त्र बदल डालो, 3 और आओ, हम यहाँ से निकल कर बेतेल को जाएँ, वहाँ मैं परमेश्वर के लिये एक वेदी बनाऊँगा, जिसने संकट के दिन मेरी सुन ली, और जिस मार्ग से मैं चलता था, उसमें मेरे संग रहा।" 4 इसलिये जितने पराए देवता उनके पास थे, और जितने कुण्डल उनके कानों में थे, उन सभों को उन्होंने याकूब को दिया; और उसने उनको उस बांज वृक्ष के नीचे, जो शकेम के पास हैं, गाड़ दिया।

5 तब उन्होंने कूच किया; और उनके चारों ओर के नगर निवासियों के मन में परमेश्वर की ओर से ऐसा भय समा गया कि उन्होंने याकूब के पुत्रों का पीछा न किया। 6 याकूब उन सब समेत जो उसके संग थे, कनान देश के लूज नगर को आया। वह नगर बेतेल भी कहलाता है।  

7 वहाँ उसने एक वेदी बनाई, और उस स्थान का नाम एलबेतेल रखा; क्योंकि जब वह अपने • भाई के डर से भागा जाता था तब परमेश्वर उस पर वहीं प्रगट हुआ था। 8 और रिबका की दूध पिलानेहारी धाय दबोरा मर गई, और बेतेल के बॉज वृक्ष के निचले भाग में उसको मिट्टी दी गई, और उस बांज वृक्ष का नाम अल्लोनबक्कूत *  रखा गया।

9 फिर याकूब के पहनराम से आने के पश्चात् परमेश्वर ने दूसरी बार उसको दर्शन देकर आशीष दी। 10 और परमेश्वर ने उससे कहा, “अब तक तेरा नाम याकूब रहा है, पर आगे को तेरा नाम याकूब न रहेगा, तू इस्राएल कहलाएगा।** इस प्रकार उसने उसका नाम इस्राएल रखा।  

11 फिर परमेश्वर ने उससे कहा, "मैं सर्व- शक्तिमान ईश्वर हूँ। तू फुले-फले और बढ़े: और तुझ से एक जाति वरन् जातियों की एक मण्डली भी उत्पन्न होगी, और तेरे वंश में राजा उत्पन्न होंगे। 12 और जो देश मैं ने अब्राहम और इसहाक को दिया है, वही देश तुझे देता हूँ, और तेरे पीछे तेरे वंश को भी दूँगा।" 13 तब परमेश्वर उस स्थान में, जहाँ उसने याकूब से बातें कीं, उसके पास से ऊपर चढ़ गया। 14 और जिस स्थान में परमेश्वर ने याकूब से बातें कीं, वहाँ याकूब ने पत्थर का एक खम्भा खड़ा किया, और उस पर अर्थ देकर तेल डाल दिया। 15 जहाँ परमेश्वर ने याकूब से बातें की, उस स्थान का नाम उसने बेतेल रखा।


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